क्या लाईन लिखी है लिखने वाले ने......
जमीन जल चुकी है, आसमान बाकी है
सूखे कुँए तुम्हारा, इम्तहान बाकी है......
बरस जाना वक्त पर हे मेघा......
किसी का मकान गिरवी है
किसी का लगान बाकी है.....
जमीन जल चुकी है, आसमान बाकी है
सूखे कुँए तुम्हारा, इम्तहान बाकी है......
बरस जाना वक्त पर हे मेघा......
किसी का मकान गिरवी है
किसी का लगान बाकी है.....
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