मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो
दिल बैचैन हैं बहुत, कहीं तुम उदास तो नहीं.
टपक पड़ते है आँसू जब किसी की याद आती है,
ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीं होता .
भुलाना और भूल जाना तो,
बस एक वहम है दिल का....
भला कौन निकलता है दिल से,
एक बार बस जाने के बाद?___
"शांत-शांत"...बैठे रहोगे तो.. कैसे बनेंगी "कहानियाँ "...
💕💕
कुछ तुम बोलो...कुछ हम बोले..तभी तो बनेंगी "शायरियाँ "
होते है हादसे सब के साथ
एक बार मुहब्बत मुझे भी हुईं थी ।______
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