Saturday, 19 January 2019

है रिश्ता हमारा

है रिश्ता हमारा बाती-दिए का
माधव की चौखट पे जलता रहेगा


दिये को इक ये तो करना पड़ा है,
उजाले के लिए जलना पड़ा है!

मर ही गए थे अल्फ़ाज़ मेरे "
आप आए तो हर्फ़ जागे हैं 


अजीब लोग हैं, खुशियाँ छीन कर कहते हैं " खुश रहो "



मुझे भी कोई ऐसा शख्स दे ए खुदा...
जो मुझे खोने से डरता हो...!!

हंसा देती हूं अक्सर मैं उदास लोगों को।।
मुझसे मेरे जैसे लोग देखे नहीं जाते।।

हजारों ख्वाब.. टुट जाते है ..
तब जा कर कहीं.. सुबह होती है..।।

तुम रोज हाल मत पूछा करो..
हर बार झूठ नही बोला जाता..
मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता..
और शिकायत के दो लफ्ज़ कह दूँ तो वो चुभ जाते हैं!!



ना जाने क्या जवाब देते तुम...
इसलिए सवाल ही नहीं पूछा...
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